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चिनुआ अचेबे

नाइजीरिया के चिनुआ अचेबे (1930-2013) समकालीन अफ्रीका के सबसे प्रख्यात रचनाकार रहे हैं। उनका पहला उपन्यास थिंग्ज़ फॉल अपार्ट 1958 में प्रकाशित हुआ था और तुरन्त एक उत्कृष्ट रचना के नाते विख्यात हो गया था। इसी श्रृंखला में उन्होंने दो अन्य उपन्यास नो लांगर एट ईज़ तथा ऐसे ऑफ यॉड लिखे, जो उतने ही लोकप्रिय हुए। उनके अगले उपन्यास द मैन ऑफ द पीपल को इसलिए ख्याति मिली कि उन्होंने इस उपन्यास के अंत में नाइजीरिया में सेना द्वारा की जानेवाली क्रांति की भविष्यवाणी चार महीने पहले ही कर दी थी। उनका अंतिम उपन्यास ऐंटहिल्स ऑफ सवान्नाह 1987 में प्रकाशित हुआ था। गर्ल्स एट वार उनका प्रसिद्ध कहानी संग्रह है। अचेबे कवि भी थे। नाइजीरिया के गृह-युद्ध की त्रासदी पर रचित उनकी कविताओं के संग्रह का नाम है बिवेयर सोल ब्रदर। 1975 में उनका एक लेख संग्रह मॉर्निंग येट ऑन क्रियेशन डे के नाम से प्रकाशित हुआ था। अचेबे की रचनाओं को विभिन्‍न पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है, जिनमे प्रमुख हैं - मैन बुकर इंटरनेशनल पुरस्कार (2007), डोरोथी एंड लिलियन गिथा पुरस्कार (2010)। उन्हें विश्वभर के विश्वविद्यालयों ने 30 से ज़्यादा मानद डिग्रियाँ दी थीं। प्रस्तुत कहानियाँ अचेबे के बहुचर्चित कहानी-संग्रह गर्ल्स एट वार से ली गई हैं। इन कहानियों में आज के मानव-समाज, विशेषकर उपनिवेशवाद के शिकार देशों की समस्याओं के साथ आदि मानव की प्रकृति के साथ संबंधों की सच्ची पड़ताल भी देखी जा सकती है।

फौजी लड़कियाँ तथा अन्य कहानियाँ

चिनुआ अचेबे

मूल्य: Rs. 100

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